मुझे ऐसा लगता है कि ये सबसे मुश्किल काम है, अपने बारे में कुछ बोलना या लिखना, फिर भी कोशिश करता हूँ कि अपने आप को बयां कर पाऊं…
वैसे मेरा नाम चक्रेश सूर्या है और कुछ नाम और भी हैं मेरे. जैसे..बंटू, सूफ़ी, चक्कू, सूर्या, आदि...मेरे
हर नाम के
पीछे कोई न कोई कहानी है. आपको जो नाम पसंद आये आप उसकी कहानी के बारे में पूछ लेना. खैर,
अपने व्यक्तित्तव के बारे में जानने की कोशिश
की तो पता चला कि मैं “mysterious”
personality को belong करता हूँ. हो सकता है कई बार आप मुझे बहुत सुलझा पायेंगे और कई बार मैं खुद से
ही बहुत उलझा हुआ रहता हूँ.
Hmmm…मुझे भी ऐसा लगता है कि मैं
लोगों से बहुत जल्दी घुल-मिल जाता हूँ.. इसलिए तो लगता है कि “Mysterious” personality वाला बंदा और लोगों से मिलनसार.. दोनों बातें विपरीत सी लगती हैं पर दोनों ही सच हैं…
चूँकि Communication में
भरोसा करता हूँ, इसलिए सभी से connect रहने के लिये हर संभव प्रयास करता हूँ.
ब्लॉग
इसलिए लिखता हूँ क्योंकि लिखने से प्रसन्नता मिलती है मुझे, अच्छा
लिखता हूँ या बुरा ये तो आप जानो.
कहते हैं कि हर काम के पीछे कोई न कोई प्रेरणा होती है, मेरे
ब्लॉग लिखने के पीछे भी ऐसा ही कुछ ...मेरा एक अभिन्न मित्र “विकास परिहार ” जो अब इस दुनिया में नहीं है, जिसने
मुझसे ब्लॉग लिखने को कहा…इसके बाद मेरे जीवन की उथल-पुथल भी मेरे लिये प्रेरणा का
काम करती गयीं. कभी कुछ अच्छा होता तो ब्लॉग पर लिख देता और कभी कुछ बुरा होता तो
वो भी लिख देता..
ऐसा
लगता है ये मेरी ब्लॉग नहीं है,
कोई जीवंत चरित्र है जो मुझसे जुडा हुआ है.
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